समय के साथ चलता था,
वो कहता था मैं राही हूँ
ज़िन्दगी को समझता था,
वो कहता था मैं साहिल हूँसमय की डोर को पकड़े
वो चलता था समझता था,
ये सपनें भी हकीक़त में
बदल सकते हैं कहता था,वो कहता था मैं राही हूँ,
मैं साहिल हूँ,
मैं साथी हूँ.